हेल्लो साथियों, आप चौंकिए मत कुछ सवाल ऐसे होते है जो वैज्ञानिक को क्या अच्छे से अच्छे विद्वान् को भी हिला कर रख देता है। वैसा ही गणित का यह सवाल है जिसमे अल्बर्ट आइंस्टीन भी उलझ गए थे। आज के इस आर्टिकल में यहाँ पर वही सवाल और उसके हल को लेकर आया हूँ।
साइकोलॉजिस्ट मैक्स व्थाइमार ने वर्ष 1934 में अपने दोस्त अल्बर्ट आइंस्टीन को एक पत्र लिखकर भेजा था। उस पत्र में उनको एक पजल हल करने के लिए कहा गया था। वो पजल क्या था जिसमें आइंस्टीन भी उलझ गए थे। वो पजल इस प्रकार था -
एक पुरानी कार है जो एक पहाड़ी के ऊपर नीचे आती जाती है। इस पहाड़ी की ऊँचाई 1 मील है। जैसा की बताया गया है कार पुरानी है इसलिए इसकी रफ्तार चढ़ाई के दौरान 15 मील प्रति घंटा से अधिक नहीं हो सकता है लेकिन नीचे उतरने के समय तेज चल सकती है। इस कार को 2 मील की यात्रा में किस रफ्तार से नीचे की ओर उतरना चाहिए ताकि इसकी औसत रफ्तार 30 मील प्रति घंटा हो।
इस सवाल में कहा गया है कि एक पुरानी कार पहाड़ी के ऊपर और नीचे आती जाती है। इस पहाड़ी की कुल ऊँचाई 1 मील है। कार पुरानी होने की वजह से इसकी रफ्तार चढ़ते समय 15 मील प्रति घंटा से अधिक नहीं हो सकती है मगर उतरते समय इसकी रफ्तार तेज हो सकती है। इस कार को 2 मील की यात्रा करने में किस रफ्तार से नीचे उतरना चाहिए की इसकी औसत रफ्तार 30 मील प्रति घंटा से सके।
जब अल्बर्ट आइंस्टाइन को इस प्रश्न का पत्र मिला था उस समय उन्हें भौतिकी के नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया चूका था। वे अपने प्रसिद्ध सूत्र E=mc2 को भी दे चुके थे। ये सवाल बहुत ही आसान है मगर वे इस सवाल को बनाने में उलझ गए थे। बहुत प्रयास करने के बाद जब उन्होंने इस सवाल को हल कर दिए तब उन्हें इसी सवाल में छुपा हुआ एक ट्रिक नजर आया।
साइकोलॉजिस्ट मैक्स व्थाइमार ने वर्ष 1934 में अपने दोस्त अल्बर्ट आइंस्टीन को एक पत्र लिखकर भेजा था। उस पत्र में उनको एक पजल हल करने के लिए कहा गया था। वो पजल क्या था जिसमें आइंस्टीन भी उलझ गए थे। वो पजल इस प्रकार था -
एक पुरानी कार है जो एक पहाड़ी के ऊपर नीचे आती जाती है। इस पहाड़ी की ऊँचाई 1 मील है। जैसा की बताया गया है कार पुरानी है इसलिए इसकी रफ्तार चढ़ाई के दौरान 15 मील प्रति घंटा से अधिक नहीं हो सकता है लेकिन नीचे उतरने के समय तेज चल सकती है। इस कार को 2 मील की यात्रा में किस रफ्तार से नीचे की ओर उतरना चाहिए ताकि इसकी औसत रफ्तार 30 मील प्रति घंटा हो।
इस सवाल में कहा गया है कि एक पुरानी कार पहाड़ी के ऊपर और नीचे आती जाती है। इस पहाड़ी की कुल ऊँचाई 1 मील है। कार पुरानी होने की वजह से इसकी रफ्तार चढ़ते समय 15 मील प्रति घंटा से अधिक नहीं हो सकती है मगर उतरते समय इसकी रफ्तार तेज हो सकती है। इस कार को 2 मील की यात्रा करने में किस रफ्तार से नीचे उतरना चाहिए की इसकी औसत रफ्तार 30 मील प्रति घंटा से सके।
जब अल्बर्ट आइंस्टाइन को इस प्रश्न का पत्र मिला था उस समय उन्हें भौतिकी के नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया चूका था। वे अपने प्रसिद्ध सूत्र E=mc2 को भी दे चुके थे। ये सवाल बहुत ही आसान है मगर वे इस सवाल को बनाने में उलझ गए थे। बहुत प्रयास करने के बाद जब उन्होंने इस सवाल को हल कर दिए तब उन्हें इसी सवाल में छुपा हुआ एक ट्रिक नजर आया।
आखिर इस सवाल का हल क्या है :
चूँकि प्रश्न में दिया गया है कि कार की रफ्तार पहाड़ पर चढ़ते समय 15 मील प्रति घंटा है। इससे यह पता चलता है कि कार पहाड़ पर चढ़ते समय 60 मिनट में 15 मील की दुरी तय करती है। प्रश्न में दिया गया है कि पहाड़ की ऊँचाई 1 मील है इसलिए 1 मील की दुरी तय करने में लगा समय = 60/15 = 4 मिनट। कार अब 4 मिनट में पहाड़ के ऊपर चढ़ चुकी है। अब इस कार को नीचे उतरना है ये कार किस रफ्तार से पहाड़ से उतरे की इसकी औसत रफ्तार 2 मील के लिए 30 मील/प्रतिघंटा हो सके।
30 मील प्रति घंटा की रफ्तार से 2 मील की दुरी तय करने में कार को लगेंगे 4 मिनट का समय। यहाँ पर ये देखा जाता है कि कार की औसत रफ्तार 30 मील/घंटे रहने पर इसको पूरी यात्रा 4 मिनट में करनी है मगर ये कार 4 मिनट में केवल पहाड़ के ऊपर ही चढ़ती है। ऐसे में इस कार को नीचे उतरने के लिए समय ही नहीं है।
30 मील प्रति घंटा की रफ्तार से 2 मील की दुरी तय करने में कार को लगेंगे 4 मिनट का समय। यहाँ पर ये देखा जाता है कि कार की औसत रफ्तार 30 मील/घंटे रहने पर इसको पूरी यात्रा 4 मिनट में करनी है मगर ये कार 4 मिनट में केवल पहाड़ के ऊपर ही चढ़ती है। ऐसे में इस कार को नीचे उतरने के लिए समय ही नहीं है।
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