सबसे पहले आप इसे समझने की कोशिश करे की आखिर ये आत्म-निर्भर भारत अभियान क्या है और इसका मतलब क्या होता है ? आत्म-निर्भर भारत इसका मतलब होता है कि Self-Reliant यानि हमारे देश में हमारे लोगो को जिस चीज की आवश्यकता होती है, वो हम खुद बना सके ऐसी क्षमता होना चाहिए हम भारत के लोगो में।
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Self-Reliant India Campaign |
आत्म-निर्भर भारत :
आत्म-निर्भर भारत का मतलब है कि भारत में, भारत के लोगो को जिस चीज की आवश्यकता हो वो खुद बना सके। हम भारत के लोगो में ऐसी क्षमता होनी चाहिए।
आत्म-निर्भर भारत अभियान :
जैसा की हम जानते है भारत को आत्म-निर्भर भारत बनाने के लिए हमे जिस चीज की जरूरत हो वो हम खुद बना सके या फिर भारत में बने हुए चीज का ही इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा भारत को आत्म-निर्भर भारत बनाने के लिए कुछ रूपये ( 20 लाख करोड़ ) खर्च करने की बात कही गई है जिसे आत्म-निर्भर भारत अभियान कहा गया है। भारत को आत्म-निर्भर भारत बनाने के लिए जो अभियान चलाया गया है उसे ही आत्म-निर्भर भारत अभियान कहा गया है। इस अभियान में 20 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही गयी।
"आत्म-निर्भर भारत अभियान" नाम क्यों दिया गया :
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया की इस अभियान का नाम 'आत्म-निर्भर भारत अभियान क्यों पड़ा'। भारत के छोटे-बड़े कारोबारी, मजदूर, किसान, अमीर लोग, गरीब लोग, समाज यहाँ तक की सभी मंत्रालय आदि को शामिल कर भारत में growth को कैसा बढ़ाया जाए, भारत को आत्म निर्भर कैसे बनाया जाये इसी की वजह से इसका नाम आत्म-निर्भर भारत अभियान रखा गया है।
भारत के छोटे-बड़े किसान, मजदूर, कारोबारी, चाहे अमीर हो या गरीब, इन सभी समाज के लोगो को एक साथ शामिल कर भारत में GDP की बढ़ोतरी कर भारत को आत्म-निर्भर बनाने के लिए जिस अभियान का आरंभ हुआ उसे आत्म-निर्भर भारत अभियान कहा गया।
आत्म-निर्भर भारत अभियान का मतलब क्या है ?
जैसा की हम जानते है कि भारत के पास टैलेंट बहुत है। भारत के लोग भारत में ही रहकर भारत के लिए अच्छे-अच्छे प्रोडक्ट्स का निर्माण करे जिससे की हमे दूसरे देशों पर आश्रित न होना पड़े। इसी के लिए भारत में आत्म-निर्भर भारत अभियान का आरंभ किया गया।
प्रधानमंत्री ने अपने स्पीच में ये भी कहा है कि आज भारत ऐसे स्थान पर खड़ा है कि इसे खुद ही तय करना पड़ेगा की क्या हम आत्म-निर्भर बनने के लिए तैयार है कि नहीं। आत्म-निर्भर बनने के साथ-साथ हम पुरे विश्व को भी सपोर्ट कर सकते है।
आत्म-निर्भर भारत बनने के बाद ऐसा नहीं है की भारत में सामानों का import और export बंद हो जायेगा।
आत्म-निर्भर भारत कैसे बनेगा :
आपने PM के स्पीच में ये सुना ही होगा की ' Vocal for the Local '. इसका मतलब ये है कि हम भारतवासियों को मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया के प्रोडक्ट को ज्यादा खरीदना चाहिए और इसका इस्तेमाल भी करना चाहिए। साथ ही दूसरे लोगो को इसके लिए प्रोत्साहित भी करना चाहिए।
उन्होंने ये भी कहा है कि आज जो बड़े बड़े कंपनियाँ ग्लोबल बन चुकी है वो भी एक दिन छोटे थे। कोविड-19 से पहले भारत में PPE किट, मास्क और वेंटिलेटर का निर्माण नाममात्र होता था लेकिन कोविड-19 के आने के बाद भारत में PPE किट के निर्माण में अचानक से बढ़ोतरी आयी है। इससे पता चलता है कि भारत में टैलेंट बहुत है।
आत्म-निर्भर भारत 5 स्तंभों पर खड़ा होगा :
1. Economy : इसके लिए इंक्रीमेंटल चेंज ही नहीं बल्कि क्वांटम जंप लानी होगी। यानि GDP की बढ़ोतरी तेजी से होनी चाहिए।
2. Infrastructure : एक ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर जो आधुनिक भारत की पहचान बनेगा।
3. System : ये ऐसा सिस्टम होगा जो 21वीं सदी के सपनों को साकार करेगी।
4. Demography : एक ऐसा डेमोग्राफी जो आत्म-निर्भर भारत के लिए ऊर्जा प्रदान करेगी।
5. Demand : इस डिमांड का मतलब है कि हमारी अर्थव्यवस्था जो सप्लाई चेन है उसका इस्तेमाल पूरी क्षमता से करने की जरूरत है।
आत्म-निर्भर भारत बनने के फायदे :
भारत में लॉकडाउन की वजह से जिन जिन लोगों को कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ा है उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुँचाया जाए। लॉक डाउन की वजह से किसानों, मजदूरों, छोटे-छोटे कारोबारियों, बड़े-बड़े कारोबारियों, यहाँ तक की जो लोग ईमानदारीपूर्वक टैक्स देते थे उन्हें भी कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इसी कठिन समस्याओं से निपटने के लिए भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ रूपये का राहत पैकेज ' आत्म-निर्भर भारत अभियान ' के रूप में घोषित की है।