यह सवाल बहुत ही अजीब है। आपको पढ़ने के बाद ऐसा लग रहा होगा जैसे हमे ये वेबकूफ समझ रहा है लेकिन वैसा नहीं है दोस्तों। इस दुनिया में बहुत से अजीबो-गरीब जानवर है। आज के इस आर्टिकल में उसी अजीबो-गरीबों जानवर के बारे में बात करेंगे जिसके पास 3 आँखे है। आइये जानते है कि वह कौन-सा जानवर है जिसे 3 आँख है और यह जानवर कहाँ पाया जाता है।
दुनिया का ऐसा कौन-सा जानवर है जिसकी 3 आँखें होती है ?
◆◆◆◆ टुतारा ( Tuatara ) ◆◆◆◆
Tuatara ( टुतारा ) जीव के बारे में विशेष जानकारी :
Tuatara देखने में एक छिपकली की तरह दिखाई देता है लेकिन असल में यह एक छिपकली नहीं है। यह पृथ्वी पर पाया जाने वाला प्राचीन साँपो में से एक है। यह जीव उस समय धरती पर पाया जाता था जिस समय इस धरती पर डायनासोर का अस्तित्व था। यह जीव आज के आधुनिक जीवों से बिल्कुल ही अलग था।
Tuatara जीव के सिर पर एक तीसरी आँख होती है, जिसे पैनियल आँख कहते है। यह आँख भी उस जीव के दूसरे आँख की तरह ही होती है जो उसे प्रकाश की स्थिति को समझने में मदद करती है। इस जीव की तीसरी आंख ही इसे अजीबो-गरीब जानवर बनाता है।
3 आँखों वाला कुछ और भी जीव है जैसे की सैलामैंडर, कुछ मेढ़क, छिपकली, मछली आदि। लेकिन इस जीव के तीसरे आँख की कार्य ही अजीब है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है की यह जीव तीसरे आँख से प्रकाश की स्थिति को समझता है तो कुछ लोगो का मानना है कि यह जीव तीसरे आँख से होने वाली घटनाओं के बारे में पहले जान लेता है। लेकिन अभी वैज्ञानिकों द्वारा इस तीसरे आँख की सटीक विशेषता का पता नहीं चला है।
Tuatara जीव के सिर पर एक तीसरी आँख होती है, जिसे पैनियल आँख कहते है। यह आँख भी उस जीव के दूसरे आँख की तरह ही होती है जो उसे प्रकाश की स्थिति को समझने में मदद करती है। इस जीव की तीसरी आंख ही इसे अजीबो-गरीब जानवर बनाता है।
3 आँखों वाला कुछ और भी जीव है जैसे की सैलामैंडर, कुछ मेढ़क, छिपकली, मछली आदि। लेकिन इस जीव के तीसरे आँख की कार्य ही अजीब है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है की यह जीव तीसरे आँख से प्रकाश की स्थिति को समझता है तो कुछ लोगो का मानना है कि यह जीव तीसरे आँख से होने वाली घटनाओं के बारे में पहले जान लेता है। लेकिन अभी वैज्ञानिकों द्वारा इस तीसरे आँख की सटीक विशेषता का पता नहीं चला है।
मेढ़क में विलुप्त तीसरी आँख :
डॉ० ओ० पी० जांगिड़ का कहना है कि हजारों साल पहले जीवों में तीसरी आँख भी होती है जो आज के आधुनिक युग में समाप्त हो गई है। वहीं तीसरी आँख आज के जीवों में एक पीनियल ग्रंथि बन गया है। यह पीनियल ग्रंथि दृष्टि के प्रति बहुत संवेदनशील होता है।
डॉ० ओ०पी० जांगिड़ ने अपने एक प्रयोग में एक मेढ़क की पैनियल ग्रंथि को दूसरे मेढ़क में प्रत्यारोपित कर जब उसके ऊपर विटामिन ए का प्रयोग किया गया तो 15 दिनों के अंदर उस दूसरे मेढ़क में तीसरी आँख का विकास हो गया। उन्होंने कहा है कि मानव में भी पीनियल ग्रंथि पाया जाता है लेकिन इसका कोई उपयोग नहीं रहा है।