क्या आप बता सकते है कि किसी आदमी की आवाज कितनी दूर तक सुनाई दे सकती है ? या फिर जब कोई आदमी चिल्लाता है तो उसकी आवाज अधिकतम कितनी दूर तक सुनाई दे सकती है ? ये सवाल सुनने और पढ़ने में अजीब तो लग रहा ही होगा लेकिन आप घबराये नहीं हम आपको इस सवाल का जबाब बताएँगे -
एक आदमी के चिल्लाने की आवाज अधिकतम कितनी दूर तक सुनाई दे सकती है ?
◆◆◆ अधिकतम 180 मीटर ◆◆◆
यदि कोई आदमी चिल्लाता है तो उसकी आवाज अधिकतम 180 मीटर दूर तक सुनाई देता है। क्या आप इस सवाल का जबाब पहले से जानते थे हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताये। और ऐसे ही अजीबो गरीब सवाल पढ़ने के लिए हमारे वेबसाइट 101gyani.com पर लगातार विजिट करते रहें।
ध्वनि क्या है ?
ध्वनि एक प्रकार का कंपन या विक्षोभ है जो किसी ठोस, द्रव और गैस से संचारित होती है। ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा भी है जो किसी वस्तु में कंपन होने पर उत्पन्न होती है। जाँच के लिए, जब हम मंदिर में लगे घंटे को बजाते है तब उससे आवाज निकलती है। यह आवाज उस घंटे में हो रही कंपन के द्वारा उत्पन्न होती है। जब घंटे को बजाते है और उसके बाद जब उसे छूते है तब हमें उसमे हो रही कंपन महसूस होती है।
कुछ लोगों का ऐसा कहना या मानना है कि ध्वनि एक विधुत चुंबकीय तरंग है। लेकिन मैं आपको बता दूँ की ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है ना की विधुत चुंकीय। अब आपको स्पष्ट जानकारी मिल गया होगा की ध्वनि विधुत चुंबकीय तरंग नहीं है।
ध्वनि के संचरण के लिए किसी न किसी माध्यम की आवश्यकता होती ही है। जैसे की ठोस, द्रव, गैस या प्लाज्मा। ध्वनि निर्वात से होकर नहीं गुजरती है। द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में ध्वनि का संचरण अनुधैर्य तरंग की तरह संचरित होता है जबकि ठोस में ध्वनि अनुप्रस्थ तरंग की तरह संचरित होता है।
मनुष्य को ध्वनि कान के द्वारा सुनाई देती है। जब किसी कंपित वास्तु से ध्वनि निकलती है तो वह वायु के द्वारा हमारे कान के पर्दे के पास पहुँचती है, जैसे ही वह कंपित वस्तु की आवाज कान के पर्दे पर पहुँचती है तब कान के पर्दे में कंपन होने लगती है और हमे ध्वनि महसूस होती है।
अनुदैधर्य तरंग और अनुप्रस्थ तरंग :
जिस माध्यम में ध्वनि का संचरण होता है यदि उसके कण ध्वनि की गति के दिशा में ही कंपन करती है तब उसे अनुदैधर्य तरंग कहते है।
जब माध्यम का कण कंपित ध्वनि की गति के दिशा का लंबवत हो तो उसे अनुप्रस्थ तरंग कहते है।
सामान्य ताप व दाब पर वायु में ध्वनि की चाल लगभग 332 मीटर प्रति सेकेंड होता है। आज के युग में कुछ ऐसे विमान है जो इससे भी तेज गति से चलती है ऐसे विमान को सुपरसोनिक विमान कहा जाता है।
मानव का कान लगभग 20 हर्ट्ज आवृति से लेकर 20 किलो हर्ट्ज आवृति तक की ध्वनि तरंग को सुन सकता है। पृथ्वी पर ऐसे बहुत से जीव जंतु है जो इससे भी अधिक आवृति के ध्वनि तरंग को सुन सकता है।
जब ध्वनि एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है तब इसका परावर्तन एवं अपवर्तन होता है।
प्रतिध्वनि :
जब किसी स्रोत से निकली हुई ध्वनि आगे जाकर किसी वस्तु से टकराकर वापस लौटती है उसे प्रतिध्वनि कहते है। जाँच के लिए, जब आप एक कुँए में झाँककर चिल्लाते है तब वह ध्वनि वापस लौटकर थोड़ी देर बाद सुनाई देती है। प्रतिध्वनि सुनने के लिए स्रोता और परावर्तक के बीच कम से कम 17 मीटर की दुरी होनी चाहिए। इससे कम दूरी होने पर प्रतिध्वनि नहीं सुनाई देगी।
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