कर्म के 12 नियम
"कर्म का एक प्राकृतिक नियम है - जो लोग दूसरों को चोट पहुँचाएँगे, वो अंत में टूट जाएँगे और अकेले हो जाएँगे !
- महान नियम - हम जो भी इस ब्रह्माण्ड को देते है, वो घूम फिर कर हमारे पास ही आता है, इसलिए केवल वहीँ चीजे करे, जिसे आप स्वीकार कर सके !
- सृष्टि का नियम - जीवन अपने आप घटित नहीं होता है, हमें इसे घटित करने की आवश्यकता है !
- मानवता का नियम - किसी चीज को बदलने के लिए उसे स्वीकार करना चाहिए !
- वृद्धि का नियम - जब हम खुद को बदलते है, तो हमारा जीवन भी उसी के अनुसार चलता है और बदल भी जाता है !
- देने का नियम - आपका व्यव्हार आपके सोच और कर्म से मिलना चाहिए !
- फोकस का नियम - हम एक ही समय में 2 कामों पर फोकस नहीं कर सकते !
- कनेक्शन का नियम - मानो या न मानो हमारा भुत, भविष्य और वर्तमान एक दुसरे से जुड़ा हुआ है !
- जिम्मेदारी का नियम - हमें अपने जीवन का जिम्मेदारी लेना चाहिए, जो भी हमारे जीवन में है !
- यहाँ और कैसे का नियम - हम भुत को प्रस्तुत नहीं कर सकते, हम पीछे की ओर देख रखे है और वर्तमान को गंवा रहे है !
- परिवर्तन का नियम - इतिहास बार-बार दुहराती रहती है, हमें इससे सीखना चाहिए और अपने रस्ते को बदलना चाहिए !
- धैर्य और इनाम का नियम - सबसे मूल्यवान पुरस्कारों के लिए निरंतरता की आवश्यकता होती है !
- महत्त्व और प्रेरणा का नियम - आपके अच्छे बुरे इनाम आपके किसी काम के ऊपर किया गया उर्जाओं का खर्च और कोशिशों का नतीजा है !
जब परिंदा जिन्दा होता है तो वो चींटियों को खाता है, और जब परिंदे की मौत हो जाती है तो चींटियाँ परिंदे को खाती है !
वक्त और हालात किसी भी पल बदल सकता है, इसलिए - जिंदगी में किसी को कम मत आँकों और न ही किसी का दिल दुखाओं, हो सकता है आज तुम ताकतवर हो, पर याद रखों, वक्त तुमसे भी ज्यादा ताकतवर है !
एक पेड़ से लाखों माचिस की तीलियाँ बनाई जाती है लेकिन लाखों पेड़ को जलाने के लिए माचिस की एक तीली ही काफी है, इसलिए अच्छे बनिए और अच्छे काम करिए !!