दोस्तों, आपने देखा या सुना होगा की बिजली का झटका लगने से इंसान की मौत हो जाती है | भारत में होने वाले सभी दुर्घटना में मौतों का लगभग 5-6 प्रतिशत हिस्सा बिजली से जुड़ी दुर्घटना से होती है | ऐसे में क्या आप जानते है की आखिर, करंट लगने से किसी इन्सान की मौत क्यों हो जाती है ? आइये जानते है -
अब आसमानों से आने वाला कोई नहीं है, उठो अब तुमको जगाने वाला कोई नहीं है, मददगार अपने ही हो तुम... ये याद रखो की, पड़ोस में भी अब बचाने वाला कोई नहीं है ||
बिजली का झटका लगने से इंसान की मौत क्यों हो जाती है ?
इंसान के शरीर में लगभग 70% पानी होता है | जब इंसान के शरीर को बिजली का झटका या करंट लगता है तो बिजली इंसान के शरीर में उपस्थित पानी को पूरी तरह जला देती है और पानी जलने के कारन इंसान का खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे खून का प्रवाह धीमा हो जाता है | खून का प्रवाह धीमा होने के कारण इंसान के शरीर के सभी अंग काम करना बंद कर देता है और इंसान की मृत्यु हो जाती है |
बिजली का झटका लगने पर इंसान की मौत तीन वजह से हो जाती है |
- साँस रुकने की वजह से
- धड़कन रुकने की वजह से
- फेफड़ों के कार्य न करने की वजह से
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बिजली के झटके (Electric Shock ) की वजह से होने वाले मृत्यु को इलेक्ट्रो क्युशन ( Electro Cushion ) कहा जाता है | एक स्वस्थ व्यक्ति 40 मिली एंपियर तक के करंट को सहन कर सकता है परन्तु उससे अधिक मात्रा के करंट प्रवाहित होने पर शरीर को नुकसान होने लगता है !
जीवन में आधा दुःख गलत लोगों से उम्मीद रखने से आता है और बाकि का आधा दुःख सच्चे लोगों पर शक करने से आता है, शीशा कमजोर बहुत होता है लेकिन सच दिखाने से घबराता नहीं है ||