कभी-कभी हमारे मन में सवाल उठता है की जिंदगी क्या है ? हमारी जिंदगी का मकसद क्या है ? हम किस लिए जिंदगी जी रहे है ? जिंदगी का सच क्या है ? जिंदगी जीने के तरीके क्या है ? सुखी जीवन जीने के लिए उपाय क्या है ? अगैरा-बगैरा | अगर आपके भी मन में ये सवाल उठ रहे तो नीचे अवश्य पढ़ें -
ऐसा माना जाता है की, जिंदगी भगवान का दिया हुआ एक नजराना है | जिंदगी एक लंबी यात्रा है, जिसके हर पड़ाव को हँसते हुए पूरा करना चाहिए | जिंदगी एक खेल है, जिसे जितने के लिए आखिरी समय तक पुरे मन से खेलना चाहिए | जिंदगी एक कर्तव्य है, इसलिए इसे पुरे कर्तव्य से निभाना चाहिए | जिंदगी एक गीत है, जिसे खुशी-खुशी गुनगुनाना चाहिए |
"जिंदगी में भरोसा सब पर करो, लेकिन खुद से ज्यादा भरोसा किसी पर मत करो !!
जिंदगी क्या है ? | जिंदगी किसे कहते है ?
जिंदगी क्या है ? को समझने के लिए, आइये समुद्र के लहरों से सीखते है :
- एक बार समुंद्र के किनारे एक लहर आई और एक बच्चे की चप्पल को अपने साथ बहा के ले गई, तब बच्चे ने रेत पर अपनी ऊँगली से लिखा - 'समुद्र चोर है' |
- उसी समुद्र के दुसरे किनारे पर कुछ मछुआरों ने खूब सारी मछली पकड़ी और एक मछुआरे ने लिखा - 'समुद्र मेरा पालनहार है' |
- एक युवक समुद्र में डूब कर मर गया तब उसकी पत्नी ने लिखा - 'समुद्र हत्यारा है' |
- वहीं एक किनारे पर एक भिखारी रेत पर टहल रहा था तो उसे लहर के साथ तैरकर आया एक मोती मिला और उसने रेत पर लिखा - 'समुद्र दानी है' |
- अचानक एक बड़ी लहर आई और सारे लिखे हुए को मिटाकर चली गयी | लोग समुद्र के बारें में कुछ भी कहे लेकिन विशाल समुद्र अपनी लहरों में मस्त रहता है | वह अपना क्रोध और अपना शांति अपने हिसाब से तय करता है |
- अगर विशाल समुद्र बनना है तो किसी के निर्णय पर ध्यान नहीं दे | आपको जो भी करना है अपने हिसाब से करें | जो गुजर गया है उसकी चिंता में न रहें | हार-जीत, सुख-दुःख, खोना-पाना आदि इन सबके चलते मन को विचलित न करें |
Zindagi kya hai | Zindagi kise kahte hai -
जिंदगी क्या है, इसे समझने का थोड़ा प्रयास करे -
- इंसान सिर्फ जीवन के एक पहलु को देखता है और उसे महत्त्व देता है | इंसान सुख चाहता है लेकिन दुःख के लिए तैयार नहीं रहता है | जीवन रूपी सिक्के के दो पहलु सुख और दुःख है | अगर जीवन में एक आएगा तो निश्चित ही दूसरा जाएगा |
- इंसान अपने जीवन में सफलता तो चाहता है लेकिन असफलता के लिए तैयार नहीं रहता है | सफलता और असफलता जिंदगी के सिक्के के दो पहलु है, अगर एक आएगा तो अवश्य ही दूसरा जाएगा | अगर इंसान खुद को दोनों पहलुओं के लिए तैयार रखता है तो वह दुःख, हार और असफलता में कभी निराश नहीं होगा |
- जो इंसान कम पैसा खर्च करता है उन्हें हम कंजूस कहते है लेकिन हम यह नहीं सोच पाते है की उस इंसान को बचत करने में उतनी ही ख़ुशी मिलती है जितना किसी को खर्च करने में ख़ुशी मिलता है |
- इंसान अपने जीवन में कोई भी कार्य बिना खुशी के नहीं करता है | सकारात्मक सोच सुखमय जीवन देती है और नकारात्मक सोच दुखमय जीवन देती है |
वक्त दिखाई नहीं देता है पर बहुत कुछ दिखा देता है ! अपनापन तो हर कोई दिखाता है पर अपना कौन है, यह वक्त दिखाता है !!